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संदेश

वो थे मेरे पापा

वो थे मेरे पापा  एक काहानी के माध्यम से आप अपने पापा की वे यादे वापिस ले आओगी |          पेड़ तो अपना फल खा नहीं सकते इसलिए हमें देते हैं पर कोई अपना पेट खाली रखकर भी मेरा पेट भरे जा रहे थे वह थे मेरे पापा ||           खुश तो मुझे होना चाहिए कि वह मुझे मिले पर मेरे जन्म लेने की खुशी कोई और बनाए जा रहे थे वह ते मेरे पापा ||        मैं अपने बेटा शब्द को सार्थक बना सका या नहीं पता चला पर कोई बिना स्वार्थ की अपने पिता शब्द को सार्थक बनाए जा रहे थे वो थे मेरे पापा |||          घर में सब अपना प्यार दिखाते हैं पर कोई बिना दिखाएं भी इतना प्यार किए जा रहे थे वह थे मेरे पापा||               मैं तो सिर्फ अपनी खुशियों में हंसता हूं पर मेरी हंसी देख कर कोई अपने गम भुलाई जा रहे थे वह थे मेरे पापा |||                यह मैं सुबह उठा तो कोई बहुत थक कर भी काम पर जा रहे थे वह थे मेरे पापा ||    तो अपनी सफलता करो अपनी म...

मां-बाप के संस्कार कहते हैं ना, की मां है तो मन्नत है| और बाप है तो जन्नत है |

 मां-बाप के संस्कार कहते हैं ना, की मां  है तो मन्नत है|  और बाप है तो जन्नत है | बाप मां से ना बड़ा कोई है | यही तो है मेरे वास्ता|  मां बच्चे को प्यार देती है पिता बच्चे को गुस्सा  यही तो दोनों का है एक अच्छा सा रिश्ता | मां ने घुमाया ,बाप ने झुलाया|  फिर भी मैं तेरी शरण से  भाग आया | इसलिए कहते हैं ना कि मां ने जो सिखा है उसे मैं  कभी ना भूल पाया |  Buy Now     बाप ने जो समझाए उससे अलग मैं कभी ना पाया | मां तेरा दुख कैसे भुल जाऊ |  पापा आपका दर्द कैसे झेल पाऊ |  करते थे गुस्सा फिर भी जब मे सुख से ना रह पाऊ ||| बस यही पापा के डर से मे कामयाब हो पाया |  याद रखना मां आपके लिऐ तकिया थी और  पापा वो चद्दर | इसलिये मां  बाप को हमेशा बुढापे मे खुश रखो | जैसे वो आपको खुश रखते थे अब आप की बारी है |        ✍🏻 सब कुछ है जब तक मां-बाप के संस्कार हैं | अतः इन्हीं संस्कारों के माध्यम से मैं सभी को यह संदेश देता हूं कि मां-बाप और संस्कार चल जाएगा जहां आपकी डिग्री ना चलती हो| पोस्ट को शेयर करे और आपक...

वक्त नहीं !! जिंदगी कितनी व्यस्त हो गई है , कि अपने आप के लिए वक्त नहीं ,

 वक्त नहीं !! जिंदगी कितनी व्यस्त हो गई है , कि  अपने आप के लिए वक्त नहीं , हर खुशी है लोगों के दामन में,  पर एक हंसी के लिए वक्त नहीं , सो के उठता हूँ रूकने का समय नही || दिन-रात दौड़ती दुनिया में,  जिंदगी के लिए वक्त नहीं,  मां की लोरी का एहसास तो है,  पर मां को मां कहने का वक्त नहीं , मां को हर बार बोलता हूँ  फोन करूगा पर वक्त नही | सारे रिश्तो को हम मार चुके हैं,  अब उन्हें दफनाने का वक्त नहीं , सारे नाम मोबाइल में है,  पर दोस्तों के लिए वक्त नहीं  Buy Now   गैरों की क्या बात करें , जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं , आखों में है नींद बड़ी , पर सोने के लिए वक्त नहीं,  दिल है  गमों से भरा हुआ पर , रोने के लिए वक्त नहीं , पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े , की थकने के लिए वक्त नहीं , पराया एहसासों की क्या कदर करें , जब अपने सपनों के लिए वक्त नहीं , दिल में बहुत बातें हैं बताने के लिए , लेकिन बताने के लिए वक्त नहींl सच तो ये है ना की हम इतने कमजोर हो गये | कि उठ कर बिस्तर से घूमने का वक्त नही || Click Here For Shop Now   ये कव...

ना जाने कया बात है - मां के घर मे

 "ना जाने कया बात है  - मां के घर मे " बरसों बीत गए,  उस घर से विदा हुए,  बरसों बीत गए,  नई दुनिया बसाएं हुए , पर ना जाने क्या बात है?  शाम ढलते ही मन , उस घर पहुंच जाता है ! मां की आवाज सुनने को , मन आज भी तरसता है , Shop Now👇👇   महक मां के खाने की,  आज भी दिल भर आती है , शाम होते ही याद आता है, घर में हंसी व शोर का होना ,  पापा का काम से, लौटकर आते ही , चाय का प्याला पीना,  दिनभर का हाल सुनाना , आकर मुझे किताब पढवाना | समझ ना आऐ तो डाट सुनाना | भाई का खेलते कूदते आना , शाम होते याद आता है घर , जहां सदा मेहमानों का था,  लगातार आना जाना| सदा घर पर बडे मेहमान आने पे  कमरे मे छुप जाना | ना जाने वो मां  का घर आज  दूर होते हुऐ ही याद आता है ||  बहुत मुश्किल से , मन को समझाता हूं,  वह दिन बीत गए, अब तुम सपनों में,  जी लिया करो , उन पलों को ,जो लौट के कभी,  न फिर आएंगे | आज भी, मां से किए,  वादे को निभाता हूं,  सब को खुश रखने की  अथक कोशिश में,  अपने आंसू पी जाता हूं,   Buy Now...

4 दिन की जिंदगी है , बस कुछ तो अच्छा किजिऐ ,

                    कविता     न चादर बड़ी कीजिए ,     न  ख्वाहिशें दफन कीजिए ,     4 दिन की जिंदगी है ,      बस चैन  से बसर कीजिए,     ना परेशान किसी को कीजिए ,     ना हैराण किसी को कीजिए,       कोई लाख गलत भी बोले,       बस मुस्कुरा कर छोड़ छोड़ दीजिए ,      Buy Now         न  रूठा किसी से कीजिए ,       न झूठा वादा किसी से कीजिए ,      कुछ फुर्सत के पल निकालिए ,      कभी खुद से भी मिला कीजिए , pillow Shop now👇         कविता अच्छी लगी हो तो लाइक, शेयर & कामेंट  जरूर                            कीजिए || यहाँ पर Click करे और पढे ढेर सारी कविताऐ ! ✍🏻✍🏻✍🏻 अनिल हटरिया .... ..

अपने अपने व्यवहार का ज्ञान ये संस्कार आपको जीवन मे खुश कर देंगे ||

 अपने अपने  व्यवहार का ज्ञान ये संस्कार आपको जीवन मे खुश कर देंगे ||  एक गांव की 4 महिलाएं कुए पर पानी भरने गई |पानी भरते समय चारों महिला इधर-उधर की बातें कर रही थी |कुछ समय बात करने के बाद वह अपने बेटों की तारीफ करने लगी | पहली महिला बोली मेरा बेटा काशी से पढ़ कर आया है |वह संस्कृत विषय का विद्वान हो गया है| बड़े से बड़ा ग्रंथ अपने मुंह जुबानी याद है और वह बड़े विश्वविद्यालय में नौकरी भी करने लगा है|  दूसरी महिला बोली मेरे बेटे ने विज्ञान की पढ़ाई की है |वह वैज्ञानिक बन गए हैं और 1 दिन सबसे बड़ा वैज्ञानिक बन जाएगा | तीसरी महिला बोली मेरे बेटे ने अच्छी शिक्षा ली है |वह शिक्षक बन गया और दूसरे गांव के विद्यालय में पढ़ाने के लिए जाता है | चौथी महिला यह सब कुछ चुपचाप सुन रही थी| लेकिन उसने कुछ नहीं बोला |बाकी महिलाओं से रहा नहीं गया |उन्होंने उस महिला से पुछा बहन तुम भी बताओ कि तुम्हारा बेटा आजकल क्या कर रहा है| इस पर चौथी महिला ने थोड़ा संकोच करते हुए धीमी आवाज में काम मेरा बेटा पढ़ा लिखा नहीं है |मैं खेतों में काम करता है यह सब बातचीत होने के बाद चारों महिला पानी का घड...

अपने बीते दिनो से सीखे - तो कभी घंमड नही होगा

 घमंड  एक राज्य के राजा ने अपनी बढ़ती उम्र को देखकर यह फैसला किया कि वह राज पाठ से संयास ले लेगा |परंतु उसका कोई पुत्र नहीं था जिससे वह राज्य शॉप कर जिम्मेदारी से मुक्त होता |राजा की एक पुत्री थी| जिसकी विवाह की योजना भी राजा को बना ली थी इसलिए उसने मंत्रियों को बुलवाया और कहा कि कल प्रांत जो भी व्यक्ति सबसे पहले इस नगर में प्रवेश करेगा उसे राजा का नियुक्ति की जाएगी और मेरी पुत्री का विवाह भी उसी के साथ कर दिया जाएगा | अगले दिन राज्य के सैनिक फटे हाल कपड़े पहने एक युवक को ले आया और उसका राज्य अभिषेक किया गया | राजा अपनी पुत्री का विवाह उसी वक्त के साथ करके जिम्मेदारियों को चौक पर शाम 1:00 प्रस्थान कर दिए |धीरे-धीरे समय बीतता गया और उस युवक ने राज्य की बागडोर संभाली और एक अच्छे राजा की तरह राज्य की सेवा में लग गया | Buy Now उस महल में एक छोटी सी कोटरी थी | जिसकी चाबी राजा अपने कमर में लटका कर  रहता था|  सप्ताह में एक बार वह उस कोठरी में जाता आधा एक घंटा अंदर और बाहर निकल कर बड़ा ताला उसमे  लगा देता था और अपने अन्य कार्यों में लग जाता था |इस तरह राजा के बार-बार उस...

फौजी की पेंशन वो कैसे पाऐगा , काहानी फौजी के कलमो से ✍🏻

 बना ले मन पेंशन जाने का,  वरना बहुत पछताएगा | घुटनों में जब जान रहे ना,  दर-दर ठोकर खाएगा ||  दे दे कर तू रात की ड्यूटी , उल्लू सा बन जाएगा ||  दिन भर के तू हुकुम मानकर,  नौकर खुद को पाएगा || सीटी बजते ही का उठना,  झंझट सब खत्म हो जाएगा ||  बना ले मन पेंशन जाने का , वरना बहुत पछताएगा ||  खा खा कर तू अंडे मुर्गी , और चना प्लेट भर खाएगा ,  दो तीन पैग रोज दारू पीकर,  जब औवर वेट हो जाएगा ||  मेडिकल का बड़ा है लोचा,  कितना वेट घटाऐगा ||   तरकी का  सपना लेकर , मन को कितना समझाएगा || सुबह शाम सब को बहला कर , कितना दौड़ लगाएगा || रूखी सूखी खाकर भी तू,  पूरी मौजूद उडाऐगा ||  बना ले पेंशन जाने का,  वरना बहुत पछताएगा || For Buy Click On The Image     नकली सितारों की चाहत में , कब तक गला कट आएगा || जब जब हक की बात करेगा |  तब तब मारा जाएगा |  बूढ़े घोड़ों की हालात में , 1 दिन निकाला जाएगा , मनाले पेंशन वरना बहुत पछताएगा , खुद का बिजनेस करके एक दिन , मालिक जब बन जाएगा || जाने कितने जरू...

बेटिया ही नही बेटे भी पराए होते हैं|

 बेटे भी पराए होते हैं|      उठ कर पानी तक ने पीने वाले अब अपने कपड़े खुद धो लेते हैं कल तक जो घर के लाडले थे ||     आज वह अकेले में रो लेते हैं |   बाप के डाटने पर मम्मी से शिकायत करने वाले अब जमाने के सौ नखरे करे सह लेते हैं |      सिर्फ बेटियां ही नहीं बेटे भी पराए हो जाते हैं खाने में तो    नखरे करने वाले खुद पका के कच्चा पक्का खा लेते हैं  |      बहन को छोटी-छोटी बात पर तंग करने वाले अब बहन को याद करके रो लेते हैं |      मम्मी की बाजू पर सर रखकर सोने वाले बगैर बिस्तर ही सो जाते हैं|       सिर्फ बेटियां भी पराए हो जाते हैं || कभी घर के अलावा कही सो ना पाते थे | अब जहाँ भी जगह मिले वही सो लेते है |    कभी घर पर मेहमान आने पर भी पास नहीं आ पाते थे | और आज दूसरो के पास जा जाकर घर चलाने की बात कर लेते है |कयोकि बेटियों को ही नही घर चलाना अब बेटे भी घर बसाने की बात कर लेते है |    For Buy Click The Link   कयोकि बेटिया ही नही बेटे भी पराये हो जाते है ...

दो व्यक्तियों के मेहनत मे फर्क

 दो व्यक्तियों के मेहनत मे फर्क    अनिल और सुनील एक जगह से पढ़े और एक साथ एक   फोल - सेल कंपनी में विक्रेता के पद पर काम करना चालू किया |   वह दोनों ही मेहनती और लग्नी थे | कुछ समय बाद उसके अधिकारी ने अनिल का पद विक्रेता से मैनेजर पर  कर दिया | फिर एक दिन सुनील से रहा नहीं गया और उसने अपने बॉस को शिकायत कर दी कि  आप मेहनती व्यक्ति की तरफ ध्यान नहीं देते और जो ज्यादा मेहनत करते हैं |उसका प्रमोशन नहीं करते इसलिए मैं अपनी इस नौकरी से इस्तीफा दे रहा हूं |    फिर उसने बॉस उसके बॉस ने बोला ठीक है पर एक बात सुनो  इस्तीफा से पहले आप अपने में और सुनील के बीच अंतर तो देखना|      तभी उसका बॉस अनिल को भी वही बुला लेता है और दोनों को एक प्रश्न करता है कि जाओ मार्केट में जाकर तरबूज देखकर आओ कि किस तरह के तरबूज है और क्या भाव है | तभी वह दोनों वहां से चले गए और मार्केट में पहुंचे | तभी सुनील ने जल्दी से रेट और भाव करके जल्दी से अपने बॉस को बता दिए कि तरबूज ₹20 किलोग्राम में मिल रहे हैं | तभी अनिल को भी वहां उसे उसके आने के बाद ...

एक गुस्सेल सांप की काहानी :- घमंड सबको खत्म कर देता है |शांत स्वभाव हर किसी का दिल जीत लेते है ||

 एक गुस्सेल सांप की काहानी :- घमंड सबको  खत्म कर देता है |शांत स्वभाव हर किसी का दिल जीत लेते है ||  एक समय की बात है एक बढ़ई अपनी दुकान को बंद करके अपने घर लौटा   | एक काला जहरीला सांप उसकी दुकान में रात को घुस गया | सांप  बहुत भूखा था और इधर से उधर खाना खाने के लिए भटका और वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटक रहा था तभी गलती से वह तेज धार आरी   के ऊपर फस गया उसकी वजह से उसका शरीर पर चोट आई और इस चोट को वह जेल नहीं पाया तभी सांप ने अपने तेज दातो  से उस तेज धार  को वार करना  चालू किया | For Buy Click Here     इसकी वजह से सांप को जरा ज्यादा खून उसके मुंह से बहने लगा ज्यादा घमंड के कारण उसने उससे बदला लेने की सोची |  तभी उसका मुंह तेजधार आदि के ब्लेड में घुस गया गया | अगले दिन पूरी तरह से कटा हुआ कोबरा मरा हुआ मिला |  इसलिए नहीं कि उसमें गुस्सा था बल्कि बहुत घमंड था और अकड़ कि जब भी कोई गुस्सा हो तो किसी को नुकसान मत पहुंचाओ !  खुशहाल जीवन के लिए कुछ चीजें खानी पड़ेगी और कुछ छोड़नी पड़ेगी और मुझे नहीं है कि हम हर...

बचपन एक जमाना था , पता नही कयू इतना मस्त आना था ||

  बचपन एक जमाना था  ,पता नही कयू इतना मस्त आना था || एक बचपन का जमाना था,  जिस में खुशियों का खजाना था  चाहत चांद को पाने की थी , पर दिल मृत्यु का दीवाना तितली का दिवाना था..  खबर ना थी कुछ सुबह की , ना शाम का ठिकाना था.. थक कर आना स्कूल से , पर खेले भी जाना था..  For Buy Click Here  मां की कहानी थी , परियों को फसाना था..  बारिश में कागज की नाव थी , हर मौसम सुहाना था..  रोने की वजह ना थी , ना हंसने का बहाना था ..  क्यों हो गए हम इतने बड़े,  इससे अच्छा तो वह बचपन का जमाना था..  वह बचपन का जमाना था.. काहानी अच्छी लगे तो शेयर जरूर करे || Buy Now .  यहाँ पर Click करे और पढे ढेर सारी कहानियां ✍🏻 ✍🏻✍🏻✍🏻अनिल हटरिया .. .

बहन के (घर) ससुराल मे उसका भाई |

  बहन के (घर) ससुराल मे उसका भाई |    भाई -भाई कहकर वो बहन कहती है | ना ना करके सब -कुछ सहती है |  भाई मै तो अब भी  ठीक रहती हूँ |       जब जब मेरा भाई घर आता है | खुशियो से मेरा दिल भर जाता है | भाई ये  मेरा घर है ये मेरा परिवार है|     भाई के  खाने मे कोई कमी ना रह जाऐ | ये मेरा दिल बार बार कहता है |    भाई को अपना मकान दिखाऊगी | भाई को अपनी कामयाबी दिखाऊगी | भाई तू कभी घर तो आ मे तुझे पनीर. - सब्जी खिलाऊगी |       भाई तूझे ना मै जाने दूंगी  |  एक ससुराल मे भाई आ गया तो सारा संसार आ गया | मानो, के मेरे परदे का सब दुख चला गया |  मै खुश हूँ तू ,पर बार-  बार दो -चार महीने मे आ जाया कर  | कयोकि में तो आ नही सकती क्यूकि तेरे  जीजा के भी यहां काम बहुत है | कभी कही जाना कभी कही | पर तू जब भी पास से तू जाये दो -चार मिनट तो आ जाया कर || For Buy Click Here .       तेरे आने से संसार खिल उठता है | जहां मुझे कभी कभी खुश ना लगता तो मेरा दिल थोडा सा बह...

असली नकली की पहचान करने का गजब ऊप्चार./ सच्चा आदमी हमेशा साथ देता है झूठा हमेशा विशवास तोडता है |

  असली नकली की पहचान करने का गजब ऊप्चार.  असली नकली की पहचान करने का गजब ऊप्चार./ सच्चा आदमी हमेशा साथ देता है झूठा हमेशा विशवास तोडता है |       🎖एक लड़का अपने परिवार के साथ रहता था  | उसके पिता जोहरी थे | एक दिन उसके पिता बीमार पड़ गए धीरे-धीरे उनकी हालत बिगड़ती गई और अंत में उनका निधन हो गया | पिता के निधन के बाद परिवार पर आर्थिक संकट आ गया |      ऐसे में मानौ  घर पर चलाने के लिए बेटे को अपना एक कीमती हार दिया और कहा कि इसे अपने चाचा की दुकान पर दिखा देना वे भी एक  जौहरी है इसे बेचकर जो पैसे मिलेंगे वह ले आना |      लड़के ने अपने चाचा को जब यह हार दिखाया तो चाचा ने हार को अच्छे से देखा और कहा कि अभी बाजार बहुत मंदा है | इसे थोड़ा सा रुक कर भेजना तो अच्छे दाम मिल जाएंगे फिलहाल तो तुम मुझे दुकान पर नौकरी कर लो | वैसे भी तुम एक भरोसेमंद लड़की की जरूरत है | लड़का अगले दिन से दुकान का काम सीखने लगा | वहां उसे हीरो वे रत्नों की परख का काम सिखाया गया |  Buy Now      ✍🏻    अब उस लड़के क...

गरीबों और अमीरो के बीच नफरत (फासला) जैसे हो वैसे ही रहो

गरीबों और अमीरो के बीच नफरत (फासला) जैसे हो वैसे ही रहो     एक दिन एक धनी पिता अपने बेटे को गांव में यात्रा करवाने के लिए ले गया और इस उद्देश्य से कि गांव में कितने गरीब लोग रहते हैं उन्होंने 1 दिन और रात एक गरीब किसान के घर बताया और वह जब इस यात्रा से वापस लौट रहे थे तो उसके पापा ने उससे पूछा कैसी रही यह यात्रा बहुत मस्त पापा उसके बेटे ने उत्तर दिया क्या तुमने देखा यहां कितने गरीब लोग रहते हैं उसके पापा ने पूछा या यहां उसके बेटे ने हां किया और तुमने क्या सीखा उसके पापा ने पूछा |         तभी उसके बेटे ने उत्तर दिया कि मैंने देखा कि हमारे पास एक कुत्ता है और उसके पास चार और हमारे पास एक तालाब है जो कि एक बगीचे के पास है और उनके  पास बहुत है हमने अपने बगीचे में लाइट लगा रखी है और उन्होंने अपने बगीचे में बहुत सारे तारे और हमारा पैसे सामने में लगा हुआ है और उनका हर जगह पर जब उसके बेटे ने पूरा किया |      तब उसके पापा एकदम चुप चाप हो गए और इसी बात पर उसके बेटे ने कहा धन्यवाद पापा आपकी औकात हमें दिखाने के लिए कि हम कितने गरीब हैं और यही स...