पापा में कैसे आपको भुल 😥जाऊ पापा में कैसे भूल जाऊ आपको , पापा कैसे कह दू कया किया है आपने , समझ में नही पापा कैसे चलाऐ होगे वौ घर , जब घर में दो रूपये भी ना थे बस कहते थे कि तुम सब खुश रहो , सब संभाल लूंगा , आश थी वो बहुत बडी , कुछ ना होते भी सब घर में थी | Buy Now बहुत खुशी हमारे , दो टाईम की रोटी थी अच्छी , भले ही चटनी के साथ खाया था खाना , सब्जी ना होते हुऐ भी , चीनी के साथ मिलाकर भरा था पेट, समोसे तो कर्मो थे ही कहाँ , बस चाय से साथ रोटी को डुबाकर , किये थे वो जीवन की घडी का इंतजार , मां का वो लाड , भी कैसा जब आती थी टोकरी से चुडी पहनाकर के , घर आके मिलते थे बस सिर्फ 40 रूपये , फिर भी बहुत. खुश थे घर के हर कोने , लोगो को कया कहे जब घर में ना थे अगले चार दिन का खाने के पैसे , साईकिल से उतारते से वो सामान वाली पेटी , गिनते थे पैसे तरोडे मरोडे हुऐ , अस्सी नब्बे रूपये होते थे बहुत मुशिकल से , फिर भी कहते थे पापा मेरे की बहुत होगे लीला , तीस तो बचत के हो ही गये होगे | चल कोई कल फिर से थोडा जल्दी ...
Emotional Story with My Pain & Tear